बबलू और ज्ञान का दीपक

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बबलू और ज्ञान का दीपक

“मैं बड़ा होकर सबसे समझदार बनूंगा!”

हर दिन बबलू यही कहता था। वह एक छोटे से गाँव में अपने माता-पिता और दादाजी के साथ रहता था। बबलू को किताबें पढ़ने का बहुत शौक था, लेकिन उससे भी ज़्यादा उसे सवाल पूछना पसंद था।

एक दिन दादाजी ने उसे एक रहस्यमयी कहानी सुनाई —

“बहुत समय पहले, एक साधु ने एक दीपक बनाया था — ज्ञान का दीपक, जो सिर्फ उसी को मिलता है जो सच्चे मन से ज्ञान की तलाश करता है।”

बबलू की आँखों में चमक आ गई।
“दादाजी! क्या मैं उसे ढूंढ सकता हूँ?”
दादाजी मुस्कराए, “अगर तुम्हारे अंदर सच्ची जिज्ञासा, साहस और विनम्रता है… तो जरूर!”

✨ ज्ञान की यात्रा की शुरुआत

अगली सुबह सूरज की पहली किरण के साथ बबलू निकल पड़ा। उसकी जेब में एक छोटी डायरी, एक पेन, थोड़ी रोटी और पानी की बोतल थी। वह चल पड़ा जंगल की ओर, जहाँ से दादाजी ने कभी साधु के दर्शन की बात कही थी।

रास्ते में बबलू ने देखा—

  • एक बच्चा एक बूढ़ी अम्मा की मदद कर रहा था।

  • एक किसान पेड़ को पानी दे रहा था, जबकि खुद भूखा था।

  • एक कुत्ता घायल था, जिसे किसी ने हल्दी लगा दी थी।

बबलू ने सब कुछ नोट किया।
उसके मन में सवाल आया — “क्या यही सच्चा ज्ञान है?”

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🧙‍♂️ साधु से मुलाकात

तीन दिन बाद, वह एक पहाड़ी की चोटी पर पहुँचा। वहाँ उसे एक साधु दिखे, ध्यान में बैठे। बबलू उनके पास गया और झुककर बोला,
“बाबा, क्या आपके पास ज्ञान का दीपक है?”

साधु ने आँखें खोली और मुस्कराए।
“तू खोज में निकला, यही पहला कदम है। पर दीपक उन्हीं को मिलता है जो तीन सवालों के उत्तर जानता है।”

❓ तीन सवाल:

  1. ज्ञान और जानकारी में क्या फर्क है?

  2. सच्चा मित्र कौन होता है?

  3. दुनिया का सबसे बड़ा धन क्या है?

साधु बोले, “जाओ, पहले इन सवालों के उत्तर ढूंढ लाओ, फिर मैं तुम्हें ज्ञान का दीपक दूँगा।”


🚶‍♂️ उत्तरों की खोज

🧠 प्रश्न 1: ज्ञान और जानकारी

बबलू पास के गाँव के स्कूल गया। वहाँ एक लड़का बहुत तेज़ी से सारे सवालों के उत्तर दे रहा था, लेकिन जब शिक्षक ने पूछा —
“अगर तुम बिजली के बारे में जानते हो तो क्या तुम तार जोड़ सकते हो?”
वह चुप हो गया।

तभी एक और बच्चा आया जो कम बोल रहा था लेकिन उसने हर सवाल के पीछे एक छोटी कहानी बताई।

बबलू को पता चल गया :
जानकारी सिर्फ याद की जाती है, लेकिन ज्ञान वो है जो सही समय पर काम आए।

🤝 प्रश्न 2: सच्चा मित्र

बबलू जंगल में घूम रहा था कि एक जगह उसे एक घायल खरगोश मिला। एक और खरगोश आया और उसे अपने पंजे से पत्तों का लेप लगाकर सहलाने लगा।

बबलू ने समझा:
सच्चा मित्र वही है जो मुश्किल समय में आपके साथ खड़ा हो।

💛 प्रश्न 3: सबसे बड़ा धन

गाँव लौटते समय बबलू ने देखा एक गरीब व्यक्ति अपने पास बची हुई रोटी किसी भूखे यात्री को दे रहा था।

बबलू दंग रह गया।

उसने सीखा:
सबसे बड़ा धन पैसा नहीं, दयालुता और सेवा का भाव है।


🔥 ज्ञान का दीपक

तीन दिन बाद बबलू फिर से साधु के पास पहुँचा और सारे उत्तर बताए।
साधु ने प्रसन्न होकर एक साधारण सा दीपक उसके हाथ में रख दिया।

बबलू हैरान था, “बस ये?”

साधु ने मुस्कराकर कहा —
“जब तुमने सवाल पूछे, रास्ते देखे और लोगों को समझा — वही था ज्ञान का दीपक।
यह दीपक नहीं जलता, यह तुम्हारे भीतर जलता है।”

जब बबलू ने दीपक उठाया, तो उसे अपने अंदर अजीब-सा उजाला महसूस हुआ। अब उसे दुनिया कुछ और ही दिख रही थी — सुंदर, सरल और सच्ची।


🌈 गाँव में वापसी

बबलू गाँव लौटा। उसने बच्चों को कहानी सुनाई, बूढ़ों की मदद की और पढ़ाई में भी समझ के साथ आगे बढ़ा।

लोग कहने लगे — “बबलू में कोई चमक आ गई है।”
पर बबलू जानता था — वह ज्ञान का दीपक था, जो अब उसके अंदर जल रहा था।

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📘 नैतिक शिक्षा (Moral of the Story):

सच्चा ज्ञान केवल किताबों में नहीं होता, बल्कि जीवन के अनुभव, दया, और सेवा से ही उसका दीपक जलता है।

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