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Golu-Aur-Samay-Ki-Ghadi-गोलू और समय की घड़ी

गोलू और समय की घड़ी

गोलू एक 9 साल का शरारती, और  बहुत मासूम बच्चा था। वह तेज़ और सब कुछ बहुत जल्दी समझने वाला  था लेकिन एक बात जो उसमें बहुत खराब थी — वो था धैर्य की कमी। उसे इंतज़ार करना बिलकुल पसंद नहीं था।

जब मम्मी खाना बनातीं, वो पूछता, “अब तक क्यों नहीं बना?”
जब स्कूल में छुट्टी होती, तो कहता, “काश दिन छोटा हो जाए!”
जब टीवी देखने का टाइम होता, तो चाहता कि सब काम छूट जाए।

गोलू का बस चलता तो वो पूरी दुनिया को Fast Forward कर देता।

एक रविवार को गोलू अपने दादी के पुराने सामान वाले कमरे में खेल रहा था। तभी उसकी नजर एक लकड़ी के संदूक की तरफ पड़ी  उसने तेजी से संदूक को खोला और पाया की संदूक में  एक चमचमाती पुरानी घड़ी है

घड़ी गोल्डन रंग की थी और उसके बीचोंबीच एक बटन था, जिस पर लिखा था:
“Time Travel”

गोलू ने सोचा — “अरे वाह! ये तो किसी जादू जैसी लग रही है!”

जैसे ही उसने बटन दबाया, सब कुछ घूमने लगा। एक तेज़ हवा चली और पलक झपकते ही वो अगले सोमवार के स्कूल में पहुँच गया — बिना होमवर्क किए!

अब गोलू के पास एक जादुई साधन था जो समय को उसके मुताबिक़ मोड़ सकता था।

वह इसका मज़ेदार इस्तेमाल करने लगा:

          जब मम्मी दूध पीने को कहतीं, तो वो घड़ी घुमा देता और दूध का वक्त पार हो जाता।

          स्कूल में जब टेस्ट होता, वो रिजल्ट वाले दिन पर पहुँच जाता।

          अगर कोई दोस्त उसे चिढ़ाता, तो वो समय पीछे कर देता और लड़ाई से बच जाता।

अब वह सोचता — “अब मुझे मेहनत करने की ज़रूरत ही नहीं है । ये घड़ी मेरी ज़िंदगी आसान बना देगी!”

धीरे-धीरे सारी चीज़ें बिगड़ने लगीं।

          वो दिन में 10 बार समय को बदलता, जिससे उसका शरीर थकने लगा।

          उसकी याददाश्त कमज़ोर होने लगी, क्योंकि वह भविष्य में जाकर सब कुछ पहले ही देख लेता।

          मम्मी-पापा को लगने लगा कि गोलू झूठ बोलने लगा है।

          स्कूल में टीचर्स परेशान थे, क्योंकि गोलू का ध्यान कहीं और रहता।

एक दिन गोलू ने गलती से समय को 2 महीने आगे बढ़ा दिया।
जब वह घर पहुंचा तो देखा — उसका जन्मदिन बीत चुका था, सब गिफ्ट्स खो चुके थे और उसके दोस्त अब उससे नाराज़ थे।


एक सपना जो सबकुछ बदल गया

उसी रात गोलू को एक सपना आया। उसमें एक बूढ़े बाबा आए — सफ़ेद दाढ़ी, चमकदार आंखें और घड़ी से सजा हुआ ताज।

वो बोले:

“गोलू, तुमने समय को खेल बना दिया।
समय भगवान का सबसे बड़ा तोहफ़ा है।
जो इसे समझता है, वही जीवन में सफल होता है।”

गोलू डर गया और बोला, “मुझे माफ़ कर दो बाबा। अब मैं कभी समय का दुरुपयोग नहीं करूंगा।”

बाबा बोले — “घड़ी अब चली गई है। पर अगर तुम्हारा मन सच्चा है, तो तुम बिना जादू के भी जीवन को सुंदर बना सकते हो।”

अगले दिन सुबह गोलू उठा तो घड़ी गायब थी। पर कुछ बदल गया था — उसका मन

अब गोलू समय का सही उपयोग करने लगा।

सुबह खुद उठता

पढ़ाई समय पर करता

खेलने के बाद ही टीवी देखता

और सबसे बढ़कर — दूसरों की मदद करता

कुछ ही महीनों में गोलू स्कूल का सबसे अनुशासित बच्चा बन गया।


नैतिक शिक्षा | Moral of the Story:

समय एक अनमोल धन है। जो बच्चे समय की कद्र करना सीखते हैं, वही जीवन में सफलता, खुशी और संतुलन प्राप्त करते हैं। कोई जादू मेहनत की जगह नहीं ले सकता।

Ashish

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